- शिवसेना को समर्थन पर कांग्रेस में मंथन
- सोनिया से मिले महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता
- सोनिया गांधी ने इंतजार करने को कहा
महाराष्ट्र की सत्ता का सिकंदर कौन बनेगा, इस पर दिल्ली से लेकर मुंबई और नागपुर तक में मंथन जारी है. बीजेपी और शिवसेना के बीच आई दरार की खबरों के बीच कांग्रेस भी राज्य में अपने लिए संभावनाएं तलाश रही हैं. कांग्रेस के सामने ऐसी पार्टी की ओर दोस्ती का हाथ का बढ़ाने का विकल्प है, जिसने उसे हमेशा से अपना घनघोर राजनीतिक प्रतिद्वंदी समझा है. शिवसेना संस्थापक बाला साहेब ठाकरे अपने जीवनकाल में कांग्रेस पर आक्रामक और हमलावर रहे हैं, लिहाजा कांग्रेस ऐसे किसी भी विकल्प की ओर फूंक-फूंककर कदम बढ़ा रही है.
शुक्रवार को शिवसेना के साथ संभावित दोस्ती पर चर्चा करने के लिए महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने आए थे. बाला साहेब ठाकरे के दौर का शिवसेना देख चुकी सोनिया गांधी इस राजनीतिक गठबंधन को लेकर ज्यादा उत्साहित नहीं हैं, उन्होंने पार्टी नेताओं को 'वेट एंड वाच' की पॉलिसी पर काम करने को कहा है.
लंबे इंतजार के बाद कांग्रेस नेताओं से मिलीं सोनिया
शुक्रवार को महाराष्ट्र के पूर्व सीएम अशोक चव्हाण, और पृथ्वीराज चव्हाण, महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष बालासाहेब थोराट, और मानिक राव ठाकरे मिलने आए थे. सुबह में तो सोनिया गांधी इन नेताओं से मिली ही नहीं, आखिरकार लंबे इंतजार के बाद शाम को इन नेताओं की सोनिया गांधी से मुलाकात हुई. इन नेताओं ने बीजेपी-शिवसेना की दोस्ती में आई कड़वाहट और तमाम राजनीतिक घटनाक्रम की जानकारी सोनिया गांधी को दी. इन नेताओं ने सोनिया को बताया कि राज्य के कई कांग्रेस नेता चाहते हैं कि बीजेपी को सत्ता से दूर रखने के लिए यदि जरूरत पड़े तो कांग्रेस को शिवसेना को समर्थन देना चाहिए.
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