गुजरात में दो साल के भीतर 261 शेरों की मौत हुई है| शेर के अलावा 340 तेदुओं की भी दो साल के दौरान मौत हो गई| गुजरात विधानसभा में पेश आंकड़ों के मुताबिक पिछले दो साल में 11 शेर और 6 शावकों की अप्राकृतिक मौत हुई है|

गुजरात में दो साल के भीतर 261 शेरों की मौत हुई है| शेर के अलावा 340 तेदुओं की भी दो साल के दौरान मौत हो गई| गुजरात विधानसभा में पेश आंकड़ों के मुताबिक पिछले दो साल में 11 शेर और 6 शावकों की अप्राकृतिक मौत हुई है| शेरों और तेंदुओं की संरक्षण के लिए करोड़ों रुपए खर्च किए जाते हैं, इसके बावजूद इनकी मौत के आंकड़ों में चिंताजनक वृद्धि हो रही है| विधानसभा में सरकार की ओर बताया कि शेरों की अप्राकृतिक मौत की रोकथाम की दिशा में अनेक कदम उठाए गए हैं| सरकार ने शेरों को रेडियो कॉलर लगाने के साथ ही सासण में हाईटेक मोनिटरिंग यूनिट भी स्थापित किया है| अभ्यारण से गुजरती सड़कों पर स्पीड ब्रेकर लगाए गए हैं| रेवन्यू इलाकों के खुले कुएं को भी सुरक्षित किया है| शेर की भांति पिछले दो साल में राज्य में 340 तेंदुओं की मौत हुई है| वर्ष 2018 में 116 और वर्ष 2019 में 134 तेंदुओं की मौत हुई| जबकि 2018 में 45 और 2019 में 45 तेंदुओं के बच्चों की मौत हुई| इस दौरान तेंदुओं के हमले में 16 लोगों की भी मौत हुई है| दो साल के दौरान तेंदुओं के हमलों में वृद्धि हुई है| पिछले दो साल में अमरेली और गिर सोमनाथ जिले में तेंदुओं के हमले की 104 घटनाएं घटी हैं, जिसमें 16 लोगों ने जान गंवाई और 88 लोग घायल हो गए|" alt="" aria-hidden="true" />


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